बाघ का शिकार करने वाले आरोपी पकड़े लेकिन नहीं मिले शरीर के कुछ अंग


 

 

पन्ना टाइगर रिजर्व में कथित रूप से आपसी संघर्ष में मारे गए बाघ पी-123 का कटा हुआ सिर और हथियारों की खोज के लिए जिले के गोताखोरों ने दिनभर केन नदी के तल को खंगाला अभियुक्तों द्वारा सिर और  हथियारों को नदी में फेंके जाने के  बताए गए स्थान के आसपास आधा दर्जन से अधिक गोताखोरों की टीम ने सुबह से शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा,और रेस्क्युदल को खाली हाथ ही लौटना पड़ा।बतादें की पन्ना टाइगर रिज़र्व का बयस्क बाघ पी-123 की 7 अगस्त को कथित तौर पर एक अन्य बाघ से हुए संघर्ष में घायल हो गया था ओर घायल अवस्था में ही नदी में गिरने से उसकी मौत हो गई थी इस दौरान छतरपुर जिले के बमीठा थाना क्षेत्र के पालकोहा  गाँव निवासी 4 आरोपियों ने  उसका सिर कुल्हाड़ी से और प्राइवेट पार्ट को धारदार हथियार से काटने के बाद नदी के पास एक टापू में जमीन के अंदर दबा दिया था। जिसे एसटीएफ जांच के आदेश होने के बाद पकड़े जाने के डर से उन्हें गड्ढे से निकालकर केन नदी में फेंक दिया  गया था। इन्हीं की तलाश के लिए होमगार्ड के गोताखोरों द्वारा सुबह से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया जो पूरी तरह बेनतीजा रहा।पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक की माने तो बाघ के सिर और हथियारों को नदी से रिकवर करना काफी मुश्किल है लेकिन फिर भी अभियुक्तों को सजा दिलाने के लिए पार्क प्रबंधन के पास अन्य पर्याप्त सबूत होने का दावा किया है।इस मामले में अभीतक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 


By - sagar tv news

06-Oct-2020

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