नज़रें मंज़िल पर रखें रास्ते की मुश्किलें खुद ब खुद हल होने लगेंगी। और कहते हैं। अगर मन मे तमन्ना हो तो पहाड़ को काटकर भी पानी निकाला जा सकता है। कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया है। छतरपुर जिले के बड़ामलहरा ब्लॉक की ग्राम पंचायत भेल्दा के ग्रामीणों ने। छोटे से गांव अंगरोठा में महिलाओं ने पहाड़ काटकर न मुमकिन को मुमकिन करके दिखाया है। इस पंचायत की तकरीबन 100 से ज्यादा महिलाओं ने एक एनजीओ के सहयोग से लगभग 107 मीटर लंबे पहाड़ को काटकर एक ऐसा रास्ता बनाया है। जिससे उनके गांव के तालाब में अब पानी भरने लगा है। इस काम में उन्हें 18 महीने लग गए। महिलाओं की यह जीत है। पहले पहाड़ों के जरिए बरसात का पानी बहकर निकल जाता था। इस पानी को सहेज कर महिलाओं ने गांव की दशा और दिशा बदल कर रख दी है। दस साल पहले 40 एकड़ मे बुन्देलखण्ड पैकेज के तहत इस तालाब का निर्माण कार्य हुआ था। लेकिन तालाब मे बरसात का पानी पहुंचने का जरिया न होने से यह तालाब खाली पड़ा रहता था। वन विभाग के साथ सामंजस्य स्थापित कर 107 मीटर के पहाड़ को काटा गया। अब इस 40 एकड़ के तालाब में पानी भर रहा है। सूखे हुए कुएं में पानी आ चुका है। सूखे हैंडपंप भी अब पानी देने लगे हैं। कृषि के सुनहरे भविष्य की कल्पना किसान कर रहे हैं। इन महिलाओं ने श्रमदान कर अपने गांव की खुशहाली के लिए मेहनत की।
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