MP में मोहन सरकार का ऐतिहासिक फैसला,अब किसानों के घर-घर पहुंचेगी खाद,बस करना होगा ये काम
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उर्वरक वितरण को लेकर ऐसा फैसला लिया है जो पूरे कृषि तंत्र को बदल सकता है। अब किसान खाद के लिए लंबी कतारों में नहीं खड़े होंगे, धक्के नहीं खाएंगे और न ही महंगा किराया चुकाना पड़ेगा। सरकार अब सीधे किसानों के घर–घर खाद पहुंचाएगी। मध्य प्रदेश सरकार ने ई-टोकन उर्वरक वितरण प्रणाली में बड़ा सुधार किया है। अब किसान खाद की बुकिंग करते समय ही “होम डिलीवरी” विकल्प चुन सकेंगे। बुकिंग की पुष्टि होते ही अधिकृत वाहन किसानों के घर या खेत के पास तक खाद पहुंचाएंगे—वह भी बेहद न्यूतम किराए पर। छोटे और सीमांत किसानों को सबसे बड़ी राहत मिलने वाली है। पहले उन्हें खाद केंद्रों तक पहुंचने में समय, पैसा और परेशानी होती थी। कई बार भीड़ और कमी के कारण उन्हें दिनभर प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। लेकिन अब सरकार की इस पहल से खाद सीधे उनके दरवाजे पर उपलब्ध होगी।
यह नई व्यवस्था फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तीन जिलों में शुरू की गई है। विदिशा, शाजापुर, जबलपुर इन जिलों में अधिकृत वाहन लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में किसानों तक खाद पहुंचाएंगे। इससे बिचौलियों और अतिरिक्त खर्च से पूरी तरह छुटकारा मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि यह निर्णय किसानों की सुविधा, सम्मान और उनकी आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। उनका लक्ष्य है कि किसान खेत में मेहनत पर ध्यान दें, न कि खाद की लाइन में खड़े होने पर। यदि पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो यह व्यवस्था पूरे मध्य प्रदेश में लागू होगी। इससे कृषि व्यवस्था में पारदर्शिता, तेजी और किसान-हित का नया अध्याय शुरू होगा। मोहन सरकार के इस कदम से किसानों को न सिर्फ राहत मिलेगी, बल्कि प्रदेश में उर्वरक वितरण का एक नया मॉडल भी स्थापित होगा।