करणी सेना के विरोध के बाद पुलिस ने गठित की एसआईटी, पीड़िता को न्याय की मांग
एमपी के सागर संभाग के दमोह जिले में करणी सेना के विरोध के बाद पुलिस ने आखिरकार एसआईटी गठित कर दी है। दरअसल, 9 मार्च को दमोह के मारूताल निवासी कमल सिंह राजपूत की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक की पुत्री और परिजन जबलपुर पुलिस नाका चौकी से लेकर एसपी तक गुहार लगाते रहे, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर स्थानीय करणी सेना के युवा अपने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद दमोह पहुंचे और पुलिस पर कई संगीन आरोप लगाए। करणी सेना ने पुलिस पर लेनदेन कर मामले को हल्का बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। करणी सेना के पदाधिकारी एसपी ऑफिस का घेराव कर बैठ गए और एसआईटी गठित करने की मांग कर डाली। करणी सेना के विरोध के बाद पुलिस ने आनन-फानन में जबलपुर नाका पुलिस चौकी में पत्रकार वार्ता बुलाकर एक आरोपी अभिषेक यादव के साथ एक नाबालिग को पकड़ने की खबर प्रकाशित करा दी, लेकिन करणी सेना ने इसे नाकाफी बताया।
करणी सेना के पदाधिकारियों के दबाव में देर शाम इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई। एसपी ने बताया कि एसआईटी में नौ लोगों को शामिल किया गया है, जो हत्या के हर पहलू की जांच करेंगे। करणी सेना के पदाधिकारियों ने एसआईटी गठित होने के बाद ही अपना धरना प्रदर्शन समाप्त किया। इस पूरे मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। करणी सेना ने पुलिस पर कई संगीन आरोप लगाए हैं और पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं। अब देखना यह है कि एसआईटी इस मामले की जांच कैसे करती है और पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है या नहीं।दमोह में करणी सेना के विरोध के बाद पुलिस ने एसआईटी गठित कर दी है। अब एसआईटी इस मामले की जांच करेगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का प्रयास करेगी। करणी सेना की मांग है कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए और पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए।