फर्जी दस्तावेजों पर सरकारी नौकरी करने वालों पर जांच शुरू, कलेक्टर के पास पहुंचे मामले
एमपी के दमोह में फर्जी दस्तावेजों पर सरकारी नौकरी करने वालों का मामला उजागर हुआ है। कलेक्टर के पास पहुंचे मामले में जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। आरोप है कि कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी, कलेक्ट्रेट में क्लर्क और आर्मी की व्हीकल फैक्ट्री में नौकरी हासिल की है। आरोप है कि कुछ लोगों ने अपनी जाति बदलकर मुड़ा से मुंडा बनकर सरकारी नौकरी हासिल की है। इसमें मुख्य नगर पालिका अधिकारी, कलेक्ट्रेट में क्लर्क और आर्मी की व्हीकल फैक्ट्री के कई पदों पर लोगों के नौकरी करने का मामला सामने आया है।
दमोह कलेक्टर ने मामले की पेचीदगियों को समझा है और जांच का आदेश दिया है। कलेक्टर ने माना है कि सरकार के नोटिफिकेशन में साफ है कि दमोह में कोई मुंडा जाति नहीं है, फिर भी लोग मुड़ा से मुंडा बनकर सरकारी नौकरी कर रहे हैं। आदिम जाति विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर चुका है कि दमोह में कोई भी मुंडा जाति के लोग निवास नहीं करते, फिर भी यहां के सैकड़ों लोग जाति बदलकर सरकारी नौकरी कर रहे हैं। इससे आरक्षण का लाभ लेने वाले असली हकदारों से वंचित हो रहे हैं। कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अब देखने वाली बात होगी कि इस मामले को दमोह प्रशासन कितनी गंभीरता से लेता है और फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने वालों पर क्या कार्रवाई होती है।