सागर - पितृ पक्ष में पितरों की अराधना से घर में आयेगी खुशहाली, तर्पण के बाद करें ये कार्य
पितरों की तृप्ति मुक्ति भुक्ति के लिए 18 सितंबर यानि की आज से पितृपक्ष शुरू हो गए हैं. सागर तालाब के विट्ठल मंदिर के घाट पर पंडित यशोवर्धन चौबे के द्वारा सामूहिक तर्पण करवाया जा रहा हैं, पहले दिन हजारों की संख्या में याचको ने अपने पितरों का तर्पण किया, उन्होने बताया कि यह यम/ नियम /संयम /में समाहित अपने पितरों की ऋण से उऋणी होने के लिए भादों की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से कुआर के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक क्रमशः15 दिन तक चलते हैं
पितृ के आशीर्वाद से वंश वृद्धि, स्वास्थ्य में वृद्धि, व्यापार में वृद्धि, संतान की आयु में वृद्धि, घर परिवार में सुख और शांति बनी रहती है और जैसे देवता और ऋषि हमें सुख शांति का आशीर्वाद वर्ष भर देते हैं वैसे ही पितृ भी हमें आशीर्वाद दें इन 15 दिनों मे इसलिए यह विशेष प्रयोजन होता है.
व्यक्ति 15 दिन तर्पण करता है चाहे जलाशय पर या घर पर उसका मूल सार यही है. प्रातः काल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर सबसे पहले वह तर्पण करता है. उसके बाद घर पर जाकर घर की देहरी पर दो जोड़ी चरण बनाए जाते हैं. उनका चंदन रोड़ी चावल लगाकर पूजन करता है फिर लकड़ी के पटा पर कुश को रखकर उनका पूजन करके फिर भोजन के 4 भाग निकलता है . पहला कुत्ता दूसरा कौवा तीसरा कन्या और चौथा गाय का इसके बाद वह फिर अग्नि में तीन बार घी छोड़ता है . और तीन बार शक्कर या गुड छोड़ता है और एक बार धूप फिर इसके बाद एक तेल का दिया दक्षिण की और उजियार कर उसमें प्रति दिवस बढ़ते क्रम में एक तिल का दाना डालता है. इस बार पूर्णिमा और प्रथम एक दिन ही है इसलिए पहले दिन दो तिल के दाने डाले जाएंगे. इसके बाद यह बढ़ते क्रम में होगा